पॉलिटिकल लव: कृषि प्रधान प्यार

चलो अपने प्यार को भी देश की तरह कृषि प्रधान बनाते हैं,
क्यों प्यार में गोली मारने का इरादा है क्या?
अरे तुम मुझे क्या सरकार समझ ली हो ….. मै कोई मामा थोड़ी न हूं जो मारने के बाद उपवास का ड्रामा करूं?

देखो कहीं हमारे प्यार की हालत देश के किसान जैसी ख़राब न हो जाए, कहीं हमारा प्यार दम न तोड़ने लगे देश के किसान की तरह, मैं अपने प्यार में कोई पूंजीवादी नीति नही लाऊंगा जिससे प्यार की हालत बिगड़े, यार तुम भी मुझे न सरकार की तरह लापरवाह समझ ली हो ………..

तुम न बड़ा लोड लेने लगी हो ऐसा लग रहा है जैसे प्यार न हुआ IIT का एग्जाम हो गया हो, अच्छा चलो प्यार में सुपर 30 की तरह कोई कोचिंग खोल लेते हैं जैसे वह सब पास हो जाते हैं …..
सुपर 30 नही सुपर लाख खोलो देश में, क्यूंकि देश को प्यार की बहुत जरूरत है।

हमारा प्यार भी ब्रिटेन के चुनाव नतीजे की तरह रहे किसी का बहुमत न हो हरदम कुछ भी करने के लिए दोनों की जरूरत रहे,
क्यों बहुमत से डरती हो तुम?
बहुमत से नही दूरी से डर लगता है,
बहुमत पाते ही तुम मुझे भूल जाओगे,
ऐसा न बोलो, हम कोई राजनीति वाले नहीं, हम प्यार वाले है ………….

अच्छा छोड़ा ये सब माहौल ज्यादा सीरियस हो गया जैसे देश की सीमा का रहता है, तुम ये बताओ हम दोनों कोई खेल खेलें?
खेलते है लेकिन एक शर्त है की खेल को खेल की तरह खेलोगे युद्ध की तरह नहीं जैसे अपने यहाँ भारत पाकिस्तान का मैच होता है, वो खेल कम युद्ध ज्यादा लगता है ……..

अच्छा एक बात बताओ अगर मै रूठ जाऊं तो तुम क्या करोगे?
मै अनशन करूंगा, तुम मेरे लवर हो या कपिल मिश्रा का ड्रामा ….
हाहाहा
तुम प्यार को बढ़ाने के लिए कुछ नहीं करोगे जैसे सरकार उत्पादन बढ़ाने के लिए जी एम सरसो ला रही है?
नहीं नहीं हमें जितना है उतना ही अच्छा है, ओवर डोज ख़राब होता है …..
हाहाहा

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