पॉलिटिकल लव: हेलो फ्रेंड्स, पासपोर्ट बनवा लो

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भूख लगी है बहुत जोर से।
कुछ खा क्यों नहीं लेते फिर तुम!
अरे बेबी पैसे ही नहीं है।
अच्छा मैंने तो सुना था सबका 50% बढ़ा था।
अरे सबका कहां, बस स्विसवालों का ही बढ़ा है।
अच्छा तो अब 15 का 30 लाख मिलेगा न?
वो क्यों जानेमन?
अरे अब ज्यादा काला धन वापस आएगा न!
क्या बात है बड़ी समझदार हो गई हो।

तुम कहाँ हो जानू आजकल?
अरे मैं लंदन आया हुआ था।
तो कब आ रहे हो वापस तुम?
अभी थोड़ा बाद में आऊंगा।
अरे आ जाओ मेरे घरवाले मॉब लिन्चिंग नहीं करेंगे।
वो तो मुझे पता है मेरी जान।

तुम्हें एक बात बताएं हम?
हाँ बताओ जानेमन क्या बात है।
वो तीन लोग न साथ में चाय पिया करते थे।
कौन तीन लोग जानू?
अरे वही कबीर, गुरुनानक और बाबा गोरखनाथ।
अच्छा किस किताब में पढ़ी हो ये?
अरे वो कल पापा नागपुर से एक किताब लाए थे, उसमें लिखा था।
अच्छा फिर ठीक है, सही जगह से सही ज्ञान ली हो।

अच्छा तुम तो भोजपुरी बोल लेते हो न!
हां बोल तो लेता हूँ, क्या हुआ बताओ?
यार बोल तो मैं भी लेती हूँ लेकिन लोग हँसने लग जाते हैं।
अरे तुम न भोजपुरी में सब मिला देती हो इसलिए लोग हँसते है।
अच्छा लोग हँसे तो क्या करना चाहिए वो बताओ?
कुछ नहीं बस पायलागी करनी चाहिए।

एक काम करोगे?
एक क्यों दो करूँगा मेरी जान।
यार मेरे पैसे गिर गए हैं, उसे उठा दो।
बड़े पैसे गिर रहे हैं तुम्हारे आजकल।
क्या करूँ डॉलर इतना ज्यादा हो गया है।
ये भी सही है डॉलर के मुकाबले तो हरदम गिरता ही रहता है।

तुम कुछ अमर क्यों नहीं करते हो?
अरे अभी पहले लोकतंत्र को तो अमर होने दो।
अरे वो कुछ नहीं होगा, वो 1975 में भी खतरे में था और आज भी।
अच्छा तुम्हें कौन बताया जी ?
अरे वो कल लोकतंत्र की दादी बता रही थीं कि उसका फायदा उठाते हैं सब।
अच्छा चलो फिर अपना प्यार ही अमर करते हैं।
अमर तो कर दोगे लेकिन पहले शादी तो कर लो।

तुम्हारे यहाँ बारिश हो रही है?
हां हमारे यहाँ तो दो दिन से बारिश हो रही है।
अच्छा इसका मतलब मेंढक तुम्हारे यहाँ ही रुका हुआ है।
हां शादी के बाद डायरेक्ट हमारे यहाँ ही आए थे वे सब।
चलो ठीक है अब बोल देना उनको कि और भी जगह आते-जाते रहें।
हां बोल दूंगी कि मेरे जानू के पास भी चले जाओ।
अरे इतना प्यार से मत बोलना पता चले बारिश के साथ बाढ़ भी आ जाए।

तुम पासपोर्ट बनवा लिए हो।
अरे पहले ही बनवा लिया था।
अच्छा ये बताओ पहले कोई ट्विटर वाला भी आंदोलन करना पड़ता था क्या?
अरे नहीं तब तो पुलिस को पैसे देकर ही काम बन जाता था।

About Post Author

अभय

अभय पॉलिटिकल साइंस के स्टूडेंट रहे हैं। वर्तमान में पॉलिटिकल लव से उनकी पहचान बन रही है। राजनीतिक और सामाजिक विषयों को ह्यूमर और इश्क के साथ पेश करना अभय की कला है।
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