पंजाब एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां हिंदू और मुस्लिम के अलावा तीसरा धर्म सिख बहुसंख्यक है। प्रदेश में लोकसभा की कुल 13 सीटें हैं। यहां देश की मुख्य पार्टियों बीजेपी और कांग्रेस के साथ-साथ शिरोमणि अकाली दल मुख्य पार्टी है। 2014 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा में आम आदमी पार्टी ने पंजाब में एंट्री की है। आम आदमी पार्टी पंजाब में बाकी पार्टियों को पछाड़कर नंबर दो की पार्टी बन गई है। हालांकि, अब वह सत्तारूढ़ कांग्रेस के साथ गठबंधन की कोशिशों में लगी हुई है।
2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो आम आदमी पार्टी को चार, कांग्रेस को तीन, अकाली दल को चार और बीजेपी को दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी। वहीं, 2009 के चुनाव में जब आम आदमी पार्टी अस्तित्व में नहीं आई थी, तब कांग्रेस को आठ, अकाली दल को चार और बीजेपी को एक सीट मिली थी। इससे स्पष्ट होता है कि आम आदमी पार्टी ने सारा नुकसान कांग्रेस का ही किया। हालांकि, कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस ने विधानसभा में वापसी की और आम आदमी पार्टी चुनाव के बाद बुरी तरह से बिखर गई।
2009 में बीजेपी-अकाली गठबंधन पूरी तरह से हावी हो गया था और कांग्रेस सिर्फ दो सीटों पर सिमट गई थी। अकाली दल को आठ, बीजेपी को तीन और कांग्रेस को सिर्फ दो सीटों पर जीत मिली थी। 2019 में अकाली-बीजेपी गठबंधन एकबार फिर साथ है। वहीं, आम आदमी पार्टी बुरी तरह बिखरी हुई है। सत्ता में काबिज कांग्रेस के हौसले बुलंद है और वह सभी सीटों पर अपनी जीत का दावा कर रही है।
लोकल डिब्बा का अनुमान
कांग्रेस- 5-8
बीजेपी-अकाली 3-5
आप- 0-2