बचपन में एक बार सुना था कि 24 घंटे में एक बार हर आदमी की जीभ पर सरस्वती बैठती हैं. उस वक्त वह सही कह रहा होता है. जैसे येदियुरप्पा को सबसे भ्रष्ट अमित शाह ने ही करार दिया. कहना तो वह सिद्धारमैया को चाहते थे लेकिन अपने ही सिपाही का नाम उनके मुह से निकल गया. इसमें गलती उनकी नहीं है. जब इंसान के पास खोने के लिए बहुत ज्यादा हो और पाने के लिए कुछ कम बचा हो तो उसकी अक्ल धीरे-धीरे अमित शाह की तरह होने लगती है.
वो तो भला हो कि उनके बगल में बैठे कर्नाटक प्रदेश अध्यक्ष प्रह्लाद जोशी ने बीजेपी अध्यक्ष को याद दिला दिया कि उल्टा बोल दिए हैं महराज, सिद्धारमैया बोलना है येदियुरप्पा नहीं.
Now that the BJP IT cell has announced Karnataka elections, time for a sneak preview of our top secret campaign video!
Gifted to us by the BJP President, our campaign in Karnataka is off to a fabulous start. He says Yeddyurappa ran the most corrupt Govt ever…
True. pic.twitter.com/UYqGDZuKyR
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 27, 2018
खैर इस वीडियो में बीएस येदियुरप्पा के चेहरे का भाव देखने लायक है. हवाइयां उड़ना किसे कहते हैं यह उनका चेहरा देख कर ही अंदाजा लगाया जा सकता है.
घबराहट झलक रही है
भाजपा उपचुनाव हारने के लिए ही लड़ती है. अब तक हुए उपचुनावों में केवल चार सीटों पर भाजपा ने अपना कब्जा कायम किया है. आठ सीटों पर जमानत जब्त होने वाली स्थिति थी. करारी हार गोरखपुर और फूलपुर में मिली. भाजपा अगर समझदार है तो उसे चेत जानी चाहिए कि परिस्थितियां उतनी भी आसान नहीं हैं जितना कि अमित शाह और नरेंद्र मोदी जी समझ रहे हैं. कहीं न कहीं पार्टी आलाकमान अब डरे हुए हैं तभी इस तरह जुबान फिसल रही है.
राहुल का ट्विटर कौन हैंडल कर रहा है
राहुल गांधी ही भारत के ऐसे जबर नेता हैं जो सामने कुछ और बोलते हैं और ट्वीट कुछ और कर जाते हैं. अभी कुछ दिन पहले पार्टी अधिवेशन की विशाल बैठक में एक मंदिर का किस्सा सुना रहे थे. सार था बीजेपी वाला पुजारी भ्रष्ट है कांग्रेस ईमानदार है. लेकिन दस मिनट तक लगातार बोले उनकी कहानी किसी के समझ में नहीं आई. सिद्धू के अलावा कोई और ताली पीटते हुए नज़र नहीं आया.
येदियुरप्पा की तारीफ वाले वीडियो में राहुल गांधी ने शेयर किया और लिखा, “भाजपा की आईटी सेल ने चुनाव आयोग से पहले ही कर्नाटक चुनाव की तारीखें जारी कर दीं. फिर ये वीडियो भी आया. ये वीडियो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने हमें तोहफे में दिया है. वो कह रहे हैं कि येदियुरप्पा की सरकार अब तक की सबसे भ्रष्ट सरकार रही है. सही है. कर्नाटक चुनावों की ये अच्छी शुरुआत है.”
कहीं डगमगा न जाए मोदी-शाह की जोड़ी
पार्टी के सारे बड़े चेहरे दूध में मक्खी की तरह निकाल फेंके गए हैं. आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिंह, शत्रुघ्न सिन्हा जैसे कई नामी चेहरे भाजपा में मोदी शाह की जोड़ी से नाराज हैं. कुछ तो इनमें खुलकर सामने आ गए हैं. ऐसे में एक जमाने में भाजपा के आधार स्तंभ रहे ये चेहरे अगर खुल कर भाजपा के खिलाफ उतर गए तो इन्हें पसंद करने वाले भाजपाइयों को भाजपा से दूरी बनाते हुए देर नहीं लगेगी. वैसे भी भाजपा के लिए आने वाला लोकसभा चुनाव इतना आसान भी साबित नहीं होने वाला. उपचुनाव जीतने में एड़ी-चोटी का जोर लगाने के बाद भी मिली हार भाजपा को कैसे हजम हो रही है यह गौर करने वाली बात है.
बूआ, बबुआ और दीदी मिलकर धमाल मचा सकते हैं
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की साम्राज्ञी ममता बनर्जी ने मंगलवार को दिल्ली में विपक्षी दलों के साथ मीटिंग की. मीटिंग का मुख्य मुद्दा यही था कि किस तरह भाजपा के रथ को रोका जाए. यह मुलाकात केवल विपक्षी दलों तक ही नहीं सीमित थी. ममता ने शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को भी साथ लिया है. टीआरसी, तेलगू देशम पार्टी और माकपा नेताओं से भी मुलाकात करने वाली ममता किसी भी पल ऐलान कर सकती हैं कि वह कांग्रेस के बैनर तले महागठबंधन में शामिल नहीं होने वाली. उन्हें तीसरा मोर्चा पसंद है. जब बुआ को बबुआ का साथ पसंद है तो दीदी क्यों अलग जाएंगी. देखने वाली बात है कि बूआ, बबुआ और दीदी इकट्ठा होते हैं या नहीं. अगर हो जाते हैं तो भाजपा के लिए 2019 बहुत आसान नहीं रहने वाला है. पार्टी पूरी ताकत लगा दे तो भी क्षेत्रीय दलों के साथ आने से मिली ताकत से भिड़ पाना मुश्किल साबित होने वाला है. ऐसा हो सकता है कि कांग्रेस की संगम वाली छवि टूटे और क्षेत्रीय पार्टियां मिलकर कुछ नया धमाल करें.