क्या कांग्रेस के काम आएगा प्रियंका गांधी का नया नवेला संघर्ष?

राजनैतिक गलियारों में कांग्रेस की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष से इस्तीफ के बाद से ही राहुल गांधी की सक्रियता कम है। सोनिया गांधी फिर से कमान संभाल रही हैं लेकिन इन सबके बीच कोई अपने आप को और पार्टी को मजबूत करने में लगा है। वह हैं प्रियंका गांधी।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी लगातार राजनीति का ध्रुव कहे जाने वाले उत्तर प्रदेश में एक दमदार विपक्ष की भूमिका निभाती दिख रही हैं। कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सटीक निर्देश देना हो, उत्तर प्रदेश में हुई छोटी बड़ी-घटना पर साफ स्टैंड रखना हो, लगभग हर मुद्दे पर प्रियंका लगातार ऐक्टिव रही हैं। प्रियंका पूर्वी यूपी के कई हिस्सों में सवर्ण वोटरों खासकर ब्राह्मण और राजपूत जातियों पर खास फोकस कर रही हैं, जो लंबे वक्त से पार्टी से दूर रहे हैं।

लगभग हर मुद्दे पर दिख रही बेबाकी

चाहे उत्तर प्रदेश में बढ़े डीजल-पेट्रोल के दाम हों, उन्नाव रेप कांड में पीड़िता के साथ खड़े रहने की बात हो या 16 वर्ष की किशोरी की किडनैपिंग के बाद हत्या या संगीत सोम से सभी मुकदमें हटाने की बात हो। प्रियंका हर मुद्दे पर योगी सरकार से दो-दो हाथ करने को तैयार लग रही हैं। हर छोटे बड़े मुद्दे को प्रियंका जोर-शोर से उठा रही है।

फेसबुक पर लोकल डिब्बा को लाइक करें।

सोनभद्र मामले में उम्भा गांव के आदिवासियों के बीच बैठना, उनके बच्चों से लगाव दिखाना, उनसे मिलने जाना या उनकी आवाज उठाना आदि को देखा जा सकता है कि किस तरह वह उत्तर प्रदेश के लोगों के बीच पैठ बना रही हैं। सूत्रों की मानें तो पार्टी ने प्रियंका के साथ उन लोगों को लगाया है, जो फिर से पुराने लोगो को जोड़ेंगे और पार्टी के लिए जमीन मजबूत करेंगे।

क्या आसान होगा कांग्रेस को जिंदा करना?

हालांकि, यह इतना भी आसान नहीं है क्योंकि चंद मुद्दों को लेकर जनता के बीच जाने से पैठ नहीं मजबूत होने वाली है। जिस तरह प्रियंका ट्विटर, फेसबुक पेज पर जनता के सवालों को उठा रही हैं लेकिन अभी भी जमीन से काफी हद तक दूरी ही बनाकर रखी है, ऐसे में यह डगर इतनी भी आसान नही है। प्रदेश की राजनीति जाति-धर्म के समीकरण के अलावा अपने बीच के नेता उनके बीच आने-जाने वाले को चुनती है इसलिए प्रियंका की राह इतनी भी आसान नही है।

तो 10 साल तक मोदी को हिला भी नहीं पाएगा मौजूदा विपक्ष

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *