जब बिना गिल्लयों के ही खेला गया क्रिकेट

क्रिकेट में गिल्लियों का बहुत ही महत्त्व है। एमसीसी के नियमों के अनुसार एक बल्लेबाज तभी बोल्ड या रन आउट माना जाता है, जब स्टंप्स पर गेंद लगने के साथ-साथ उस पर रखी गिल्लियां भी गिरें। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई बार ऐसा वाकया आया है कि गेंद विकेट को छू के गई हो पर बेल्स ना गिरने के कारण बल्लेबाज को आउट नहीं दिया गया हो।

इस मामले में इंग्लैंड के क्रिस ट्रेमलेट सबसे ज्यादा दुर्भाग्यशाली हैं, क्योंकि बांग्लादेश के खिलाफ एक मैच में उनकी हैट्रिक सिर्फ इसलिए ही नहीं पूरी हो पाई क्योंकि बेल्स ही नहीं गिरे।

आज कल तो स्टंप्स और बेल्स में लाइट्स का भी प्रयोग किया जा रहा है ताकि रन आउट के करीबी मामलों में पता किया जा सके कि बेल्स स्टंप्स से कब अलग हुई। लेकिन 9 जून 2017 को वेस्टइंडीज के ग्रॉस आइलेट मैदान पर वेस्टइंडीज और अफगानिस्तान के बीच खेले गए मैच में एक समय ऐसा आया जब स्टंप्स पर बेल्स ही नहीं थे। अफगानिस्तान की पारी के 20वें ओवर के दौरान जब वेस्टइंडीज़ के युवा तेज गेंदबाज अलजारी जोसेफ गेंद फेंक रहे थे तभी हवा से बेल्स गिर गए। हवा इतनी जोर से चल रही थी कि बेल्स का स्टंप पर टिकना मुश्किल हो रहा था। तब अंपायर्स ने दोनों टीमों के कप्तानों की सहमति के बाद बिना बेल्स के ही मैच को जारी किया।

 

 

क्रिकेट के नियमों के मुताबिक, अंपायर की इज़ाजत और दोनों कप्तानों की सहमति के बाद ऐसा किया जा सकता है। अगर अंपायर्स बिना बेल्स के मैच जारी रखने का फैसला लेते हैं तो ऐसी स्थिति में रन आउट या स्टंपिंग होने पर निर्णय लेने की जिम्मेदारी अंपायर की ही होती है। हालांकि बिना गिल्लियों के मैच कुछ समय के लिए ही खेला गया। बहरहाल, इस मैच में अफगानिस्तान ने बड़ा उलटफेर करते हुए वेस्टइंडीज की टीम को 63 रनों से हरा दिया आईपीएल में अपने प्रदर्शन से सुर्खियां बटोरने वाले लेग स्पिनर राशिद खान ने 2.07 के इकोनॉमी से रन देते हुए 7 विकेट चटकाए।

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