ढिंचैक पूजा की तरह मेरी भी कोशिश है कि मैं वायरल हो जाऊं। मैं भी कुछ ऐसे गाने बनाऊं जैसे ‘तुम तो ठहर परदेशी,साथ क्या निभाओगे,सुबह पहली गाड़ी से चू***या…… बना के निकल जाओगे’, ‘तू मेरा हमदर्द है, यही तो साला सरदर्द है….. और ‘मुन्नी बदनाम हुई ससुरे चुन्नी के लिए…इत्यादि।’
है न कुछ ढिंचैक कोशिश! हो भी क्यों न भई भारत के लोग अब यही सुनते हैं।
न जाने इस 23 साल की लड़की में ऐसा क्या ढिंचैक है जो यूट्यूब पर लोग इसकी पूजा कर रहे हैं। रोहतक की रहने वाली पूजा जैन ने हर तरफ अपने वाहियात गानों का स्वैग फैला रखा है। इसलिए मानना तो पड़ेगा कि छोरी मा दम तो है।
छोरी वैसे तो एक गाने में 40 बार एक ही लाइन गा देती है जैसे ‘दारू दारू दारू, जो न नाचे उसको मारूं’ पर सुनने वालों की कान के परदे तब भी नहीं फटते। ‘सेल्फी मैंने लेली आज’ गाना 14 मई को यूट्यूब पर अपलोड हुआ था और आज उसके 53 लाख लाइक व्यूज हैं। भला एक कट्फोड़वा चिड़िया की आवाज कोई कैसे इतनी बार सुन सकता है।
मेरी मानो तो इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी की इस लड़की ने पूरी तरह नरक फैला रखा है। जब शीला की जवानी को 2010 में 50 मिलियन व्यूज मिले थे और ‘माँ का फोन आया’ जैसे गाने हिट हुए तो हमें लगा था गानों में भी कलयुग की शुरुआत हो रही है। जब हनी सिंह और बादशाह आए तो लगा अभी मिडल वाला कलयुग चल रहा है पर अब लगने लगा है कि हम कलयुग के अंत युग में है। अगर आज दुनिया सुर-ताल और लय भूले हुए इन गानों और फटी आवाज को इतना पसंद कर रही है तो इसे देखकर अच्छे-अच्छे सोनू निगम और कुमार शानू को ‘लैक ऑफ़ कॉन्फिडेंसिया’ की बीमारी हो सकती है।
आज मुझे भगवान कृष्ण की बहुत याद आ रही है। उन्हें भी कुछ ऐसा ही प्रोपगेंडा वाला शुक्तिका लिख कर जाना चाहिए था जिसमें लिखा होता
केशव: हे पार्थ, जब लोग ढिंचैक पूजा के गाने सुनें, लोग जब गानों के नाम पर गाली दें, जब चारो तरफ मूर्ख netizen(नेट वाले सिटीजन) ही netizen हों समझ जाना यह कलयुग अपने चरम पर है।
अर्जुन: हे केशव, तो मेरे लिए आपका आदेश??
केशव: बस पार्थ, अब तुम भी गाओ ‘दारू, दारू ,दारू …..जो न धनुष उठाए उसको मारूं ….।’ कुंती कसम, कुछ नहीं तो तुम भी मंगनी में ही फेमस हो जाओगे।