जहरीली शराब

जहरीली शराब क्या होती है, जिसे पीकर लोग मरने लगते हैं?

हर साल देश के अलग-अलग राज्यों की अलग-अलग जगहों पर जहरीली शराब कांड की घटनाएं सामने आती हैं. सैकड़ों लोग शराब पीने से मर जाते हैं. अब आप सोचेंगे कि शराब में इतना क्या खराब कि लोग मर ही जाएं. दरअसल, ज्यादा कमाई और लोगों की अज्ञानता का फायदा उठाने की कोशिश में ये काम होता है. इसका आलम यूं है कि नकली शराब बनती हर जगह है और धड़ल्ले से बिकती भी है, लेकिन वो जहरीली तभी कही जाती है, जब लोगों की जान चली जाए. आइए जानते हैं कि इस नकली या जहरीली शराब का पूरा खेल है क्या.

कई राज्यों में फैला है नेटवर्क

बीते सालों में यूपी, पंजाब, उत्तराखंड समेत कई राज्यों के हजारों लोग इस जहरीली शराब से जान गंवा चुके हैं. कई जगहों पर सस्ते के चक्कर में तो कई जगहों पर सिर्फ वही शराब मिलने के चक्कर में लोगों की जान गई है. दरअसल, शराब का बेस होता है, एल्कोहॉल. एक तरह का केमिकल, जिसे पीने से आपके शरीर को आराम जैसा महसूस होता है.

आप जानते हैं कि मोबाइल फ़ोन में कितना सोना छिपा होता है?

एक्सपर्ट बताते हैं कि शराब बनाने का जो मानक पैमाना है, उसके तहत शराब को खास तापमान में डिस्टिल किया जाता है. इससे होता है ये है कि शराब में सिर्फ एथाइल एल्कोहल मिलाई जाती है, जो कि जानलेवा नहीं होती. कच्ची या नकली या जहरीली शराब का कोई मानक तापमान नहीं होता. इसी वजह से इसमें नुकसानदाय मिथाइल और प्रोपाइल एल्कोहल जैसी चीजें मिला दी जाती हैं. मिथाइल एल्कोहल सीधे दिमाग और आंखों को नुकसान पहुंचाता है, मात्रा ज्यादा होने पर इंसान की मौत भी हो जाती है.

मिथाइल एल्कोहल से बनता है फॉर्मेल्डिहाइड

दरअसल, मिथाइल एल्कोहल जब लिवर के अंदर जाता है, तो वहां वह फार्मेल्डिहाइड बन जाते है, जो कि एक जहर का रूप है. ऐसे में इंसान का बचना मुश्किल होता है. मिथाइल एल्कोहाल का इस्तेमाल ज्यादातर पेंट और प्लाइवुड इंडस्ट्री में होता है, इसलिए इंडस्ट्रियल एरिया के आसपास जहरीली शराब की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं. मुख्य तौर पर हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी यूपी में पेंट की कंपनियां हैं. यहीं से मिथाइल एल्कोहल नॉर्थ ईस्ट के लिए भी जाता है. इसी मिथाइल एल्कोहल को सस्ती शराब बनाने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है. इसके खतरे से अंजान लोग इसे पीते हैं और अपनी जान गंवा देते हैं.

यूरिया, सांप, मोबिल और डीजल से भी बना देते हैं शराब

कई जगहों पर सस्सी शराब बनाने के लिए यूरिया, आयोडेक्स, सांप, छिपकली, डीजल, मोबिल, गुड़ या शीरा और इस तरह की कई और चीजें मिलाकर जहरीली शराब बनाई जाती है. अक्सर पुलिस नदी या तालाब के किनारे शराब की भट्टियों को पकड़ती है. 

लोकल डिब्बा को फेसबुक पर लाइक करें.

इसलिए जागरूकता बहुत जरूरी है. शराब पीना ना या ना पीना चॉइस है लेकिन शराब नुकसानदेह है. हमारी सलाह है कि हो सके तो शराब ना ही पिएं, अगर पीते हैं तो कम से कम इतना ध्यान रहे कि जहरीली, सस्ती और कच्ची शराब से बचकर रहें. 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *