आज बात उनकी जिनको किसी ने देखा नहीं है लेकिन देखने का दावा सब कर रहे हैं। कोई इन्हें अपनी लैब में दिखा रहा तो कोई टीवी पर लाइव दिख रहा। इनके खौफ का आलम ये है कि पूरी दुनिया में उनके नाम के सिवा कुछ नहीं चल रहा है। जो लोग करने के बाद भी हाथ नहीं धोते थे, आज वो दिनभर सेनिटाइजर से हाथ रगड़े हुए हैं।
इनके बारे में बताने से पहले इनके फैमिली मेंबर्स के बारे थोड़ा बता देता हूं, इबोला इन्हीं के दूर के एक फूफा के लड़के हैं। निपाह इनके ताऊ के लड़के हैं। अब तो आप समझ ही गए होंगे कि आज हम बात कर रहे है कोरोना वायरस की। वैसे इनके नाम पर बहुत कुछ बेचा जा रहा है। कोई कंडोम बेच रहा है तो कोई अपनी दवाई। इनका सफर शुरू तो वुहान से हुआ था लेकिन आज पूरी दुनिया में इनका डंका बज रहा है। तो चलिए इन पर उठ रहे सवालों के जवाब इन्हीं से जानते हैं।
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फलाने– नमस्ते कोरोना जी।
कोरोना – क्या बात हाथ नहीं मिला रहे आज आप। चलिए आपको भी दूर से नमस्ते फलाने जी।
फलाने– अरे सर, आपसे हाथ मिलाने का दम किसमें है। ये बताओ आप की डरते किससे हो?
कोरोना– मैं बस अपने आप से डरता हूं, बाकी किसी से नहीं।
फलाने– फिर ये सेनिटाइजर और मास्क का क्या है मामला है। आपका क्या रिश्ता है इन से और आप डरते हैं क्या इनसे?
कोरोना– कुछ नहीं सेनिटाइजर तो मेरी मौसी का लड़का है और मास्क मेरी चाचा की लड़की। हम तीनों बचपन से साथ रहे हैं और मुश्किल वक्त में एक-दूसरे का साथ देते हैं। वैसे आजकल वो लोग मिलते नहीं हैं मुझसे, घमंडी हो गए हैं।
फलाने– आप से ही नहीं, आजकल वो किसी से नहीं मिल रहे हैं। वैसे आप नारों से कितना डरते हैं?
कोरोना– फलाने जी नारे से तो आपके नेता नहीं डरते हम क्या डरेंगे और अगर मैं गो बैक के नारे से जाता तो क्या दुनिया चू…… है क्या ! वैसे साइमन गो बैक के बाद क्या हुआ था याद है न आपको?
फलाने– गोमूत्र से तो पक्का आपकी हवा टाइट हो जाती होगी!
कोरोना– क्यों फलाने जी आप भी गोमूत्र पार्टी में गए थे क्या? वैसे कुछ नहीं बिगड़ेगा मेरा उससे, समझा दो अपने लोगों को थोड़ा। अगर पीने का इतना ही मन है तो गोबर का चखना भी साथ लें।
फलाने– सुने थे आप टीवी पर लाइव आए थे?
कोरोना– हां आया था न, जैसे स्वर्ग की सीढ़ियां आई थीं एकदम लाइव और आप सब पहुंच गए थे स्वर्ग में।
फलाने– आपके नाम पर बहुत कुछ बेचा जा रहा है, इस पर क्या राय है आपकी?
कोरोना– मेरे नाम पर नहीं फलाने जी, डर के नाम पर बेचा जा रहा है चीज़ों को। आपके यहां तो वोट भी डर के नाम पर ही डाले जाते हैं। किसी और को वोट कर दिया तो मुगल राज आ जाएगा।
फलाने– आपके आने से सबसे ज्यादा कौन डरा है?
कोरोना– मुझे लगता है मेरे आने से सबसे ज्यादा वो डरा/डरी है, जो दीवाली में भी लोगों को रंगोली बनाने के लिए ऑफिस बुला लिया करती थी। यानी आप सब की HR। वो इस वक़्त सबको ऑफिस से दूर रख रही है, वो भी बस मेरे कारण। 70 साल में पहली बार वो ऑफिस नहीं आने की बात बोल रही है और फिर भी आप सब मेरी बुराई कर रहे हैं।
फलाने– वर्क फ्रॉम होम पर आपका क्या कहना है ?
कोरोना– यार इस का तो मजाक बना दिया आप सब ने वर्क फ्रॉम होम घर पर रहने के लिए मिला था लेकिन लोग गोवा का प्लान बना ले रहे हैं, मतलब मेरा कोई डर ही नहीं है।
फलाने– आप इतना नुकसान क्यों कर रहे हैं?
कोरोना– नुकसान तो बहुत लोग कर रहे हैं, मैंने तो उतनी जानें भी नहीं लीं, जितनी आपके यहां दंगे में चली जाती हैं। हां बस मैं अमीरों से शुरू हुआ हूं इसलिए आपको नुकसान दिख रहा है, नहीं तो भूखमरी से न जाने कितने लोग मरते हैं दुनिया में।
फलाने– आप कब तक जाओगे ?
कोरोना- ये तो मुझे भी नहीं पता, मेरे पास भी वॉट्सऐप पर मेसैज था फॉरवर्ड वाला कि कोरोना गर्मी में खत्म हो जाएगा। बाकी मैं अब फैक्ट चेक का वैट कर रहा हूं कि कितना सही था मैसेज। वैसे यार आप लोग कुछ भी फॉरवर्ड कर देते हो।
फलाने– डॉक्टरों के बारे में आपकी क्या राय है?
कोरोना– कौन से वाले डॉक्टर आपके यहाँ तो वॉट्सऐप पर सभी डॉक्टर ही हैं। मैंने तो एक-दो इलाज देखकर आत्महत्या करने की सोच ली थी। लेकिन बाद में समझ आया कि कहीं ये इसको अपने इलाज की जीत न मान लें इसलिए आइडिया साइड कर दिया। बाकी वॉट्सऐप के बाहर वाले डॉक्टर हैं, वो तो ठीक ही काम कर रहे हैं।
फलाने– Memes पर कुछ बोलना चाहते हैं आप?
कोरोना- उन पर क्या बोलना वो तो सबके मजे लेते हैं लेकिन मुझे उन पर गुस्सा बहुत आ रहा है। मेरी कोई इज्जत नहीं कर रहा है। ये लोग डेटॉल से हाथ धोकर मेरे पीछे पड़ गए हैं।
बच्चों की मौत पर गंभीर क्यों नहीं होतीं सरकारें?
क्या समझे?
इतनी बात से समझ ये आया कि हममें से कोई कोरोना जी को समझ नहीं पा रहा है और कोरोना जी का कहना है कि वॉट्सऐप के डॉक्टरों के भरोसे न रहें। हम अब बात को खत्म करते हैं क्योंकि कोरोना जी ने कहा है कि उनको अपनी बहन मास्क और मौसी के लड़के सेनिटाइजर से मिलने जाना है। बड़ी मुश्किल से दोनों ने उनके लिए टाइम निकाला है। इस से पहले वो दोनों फिर गायब हो जाएं, कोरोना जी को छोड़ देते है। इसी के साथ आप सब को नमस्ते।
नोट: इस टिप्पणीनुमा इंटरव्यू का मकसद कोरोना जैसा गंभीर बीमारी को हल्के में लेना नहीं है। तनाव और डर के हालात में भी अगर आप यह लेख पढ़कर यहां पहुंचे हैं तो आप थोड़ा हल्का महसूस करें, यही हमारा मकसद है। बाकी साफ-सफाई रखें और कोरोना के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें और सार्वजनिक जगहों पर ना जाएं।