पॉलिटिकल लव- मोहब्बत में लाठी चार्ज करोगे?

तुम न, आज कल कुछ भी बोलने लगे हो।

अरे मेरी जान!  लगता है BHU के VC की आत्मा मेरे अंदर आ गई।

बस आत्मा ही आये, हरकत नहीं आनी चाहिए।

 

तुम न ज्यादा घूमा मत करो।

अच्छा जी। कभी खुद को देखी हो दिन भर पार्टी करती रहती हो।

यहाँ मन की बात नहीं चलेगी मेरी जान, दिल की बात चलेगी।

समझ गई कि तुम्हें बोलने से पहले मुझे खुद को रोकना होगा।

तुम तो समझ गई देखो वो कब समझते है।

 

तुम मेरी हर बात मानते हो न?

बिल्कुल मेरी जान, लेकिन तुम ये मत बोलना की NDTV बिक गया है।

हा हा हा!  अरे बाबा नहीं मैं कोई फेंक मीडिया नहीं हूँ।

 

सुनो बाबू! आज न थोड़ा सिरदर्द कर रहा है, कल मिलते हैं।

तुम न देश की अर्थव्यवस्था की तरह कभी सही नहीं रहती।

हा हा  हा हा! लेकिन कभी कभी ‘जीडीपी’ सी ऊपर भी उठ जाती हूँ।

हां! लेकिन जब तक दवा का असर रहता है तब तक।

 

अच्छा, एक बात बताओ।

हां! बोलो मेरी जान।

अगर मैं खो गई तो तुम मुझे कैसे ढूँढोगे?

जैसे मीडिया हनीप्रीत को ढूंढ रही है।

देखो कही नजीब जैसा भूल न जाओ।

 

तुम किसी और को फोटो दिखा कर किसी  और का नाम मत बता देना।

अरे बाबा मैं पड़ोसी थोड़ी न हूं।

गलती से भी करा न, तो मैं तुम्हें मुँहतोड़ जवाब दूंगी।

अरे! जानेमन दिल तोड़ जवाब दे देना बस।

 

अच्छा सुनो तुम्हारे लोकल डिब्बा पर लाठीचार्ज तो नहीं होता?

अरे बाबा, वहाँ विरोध करने की पूरी आजादी है

हां, तभी तुम्हारा पॉलिटिकल लव वहां ज़िंदा है।