विश्व टेलिविजन दिवस: बचपन में टीवी देखने किसके यहां जाते थे?
अब के बच्चों के लिए टीवी पर दर्जनों कहानियां हैं. इतनी कि वो जिन्हें चाहें देख-सुन सकते हैं, छोड़ सकते…
जहां बातें होंगी हिंदी इस्टाइल में
अब के बच्चों के लिए टीवी पर दर्जनों कहानियां हैं. इतनी कि वो जिन्हें चाहें देख-सुन सकते हैं, छोड़ सकते…
तो तैयार हो न तुम? क्यों तुम कोई बड़ा बदलाव करने वाली हो क्या प्यार में? सोच रही हूँ कुछ…
“हवा के दोश पे उड़ती हुई ख़बर तो सुनो हवा की बात बहुत दूर जाने वाली है” —हसन अख्तर जलील…
कभी जीवन में किसी अनजान क्षितिज तक पहुँच कर आप भी ऐसे दौर पर पहुँचे होंगे कि कोई हाथ बढ़ाए…
तुम इतने लिंक क्यों हो मुझ से? बस डर गया कि कही लिंक न हुआ तो जान न चली जाए,…