बुक रिव्यू: किरदारों को वेश्या बताती ‘वेश्या: एक किरदार’
रिश्तों को एक-एक करके खोते जाना उस वेश्या की तरह एहसास करता है, जो लाख चाहकर भी उसी दुनिया में रहती है, जिसमें वह नारकीय...
जहां बातें होंगी हिंदी इस्टाइल में
रिश्तों को एक-एक करके खोते जाना उस वेश्या की तरह एहसास करता है, जो लाख चाहकर भी उसी दुनिया में रहती है, जिसमें वह नारकीय...
पहली किताब हर रीडर के लिए राइटर बन जाने की वह सीमा होती है, जो हर रीडर एक ना एक दिन पार जरूर करना चाहता...