बुक प्रीव्यू: वेश्या एक किरदार

0 0
Read Time:3 Minute, 19 Second

पहली किताब हर रीडर के लिए राइटर बन जाने की वह सीमा होती है, जो हर रीडर एक ना एक दिन पार जरूर करना चाहता है।

हिमांशु तिवारी ‘आत्मीय’ की किताब का नाम ‘वेश्या: एक किरदार है’। किताब के परिचय में हिमांशु लिखते हैं कि अच्छा बुक का टाइटल पढ़कर कई लोगों के ज़ेहन में यकीनन जीबी रोड भटकने लगा होगा और जो लोग जीबी रोड नहीं जानते वो रेड लाइट एरिया से समझ लें। कुछ लोग तो स्टेशन पर बिकने वाली मनोरम कथाओं के बारे में भी सोचने लगे होंगे, यही असलियत भी है। वेश्या शब्द के साथ दिमाग में लगी कुंडियां इसी के इर्द-गिर्द खुलती हैं। बहरहाल, क्या है, क्यों है और कैसा है; जैसा भी है वो आपके सामने महज कुछ पन्ने पलटते ही आ जाएगा। पहली किताब है, कोशिश की है कि आपके दिल में उतर सकूं। आपकी अपनी और हम सबकी कहानियों को जगह दे सकूं। ऑफिस से आता तो दिमाग में कहानियां कूदतीं और उन कहानियों को वर्ल्ड पैड पर लिख डालता। कहानियां ढ़ेर सारी होने लगीं तो एक फोल्डर बना लिया और फोल्डर को किताब में ढालते हुए आपके बीच रख दिया। लेकिन किताब के लिए कई बार सवाल उठते थे कि बड़ा मुश्किल है। दरअसल एक दिन फेसबुक पर देख रहा था, किसी ने स्टेटस में लिखा था कि,

“बड़ा मुश्किल है इस दौर में कहानी लिखना,

कुछ वैसा ही है जैसे पानी से पानी पर पानी लिखना।”  

“वो किसी और की हो गई और मैं दिल्ली की ”जीबी रोड” हो गया”

यह एक लाइन काफी देर तक सोचने पर मजबूर कर देती है कि कोई ‘जीबी रोड’ कैसे हो सकता है? जीबी रोड तो वह जगह है, जहां ना जाने कितने लोग अपने जिस्म की प्यास बुझाने और ना जाने कितनी जिंदा लाशों को फिर से मारने पहुंच जाते हैं। हिमांशु की कहानियां बार-बार हमें आईना दिखाती हैं कि हम क्या हैं और हमारे अंदर का ‘जीबी रोड’ क्या है।

कहानियों में परिवार, इश्क, मजबूरी, हालात और धोखा जैसी चीजें शानदार ढंग से प्रस्तुत की गई हैं, जिन्हें पढ़कर कहीं से यह नहीं लगता कि लेखक पहली किताब में भी कहीं से कच्चे हैं। नई वाली हिंदी लिख रहे हिमांशु ने किताब का नाम बहुत ही गंभीर चुना है लेकिन उनकी कहानियां उस नाम को पूरी तरह से जस्टिफाई करती हैं। बाकी हम आप पर छोड़ रहे हैं कि आप किताब पढ़ते हैं या नहीं….

किताब का रिव्यू भी लोकल डिब्बा पर जल्द मौजूद होगा…

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *