घुटता है दम-दम, घुटता है दम-दम, घुटता है दम-दम दिल्ली में
हमने विकास के लिए जिंदा शहरों को कब्रिस्तान में बदलने में की पूरी तैयारी कर ली है.
जहां बातें होंगी हिंदी इस्टाइल में
हमने विकास के लिए जिंदा शहरों को कब्रिस्तान में बदलने में की पूरी तैयारी कर ली है.
भारत में किसी की भी सरकार आए......गांधी को पूजना उसकी मजबूरी है, लेकिन उनके सिद्धातों को अपनाना नहीं. कोई अपना…
वंदे मातरम की रचना करते समय बंकिम चंद्र चटोपध्याय ने कभी सोचा भी नहीं होगा कि एक दिन उनकी इस…
जिस देश में मौत का उत्सव मनाया जाता हो, जहां एनकाउंटर को गर्व के साथ उपलब्धि के रूप में विधानसभा…
‘हमें गालियां दो, आलोचना करो लेकिन भारतीय फुटबॉल टीम को खेल देखने स्टेडियम में आओ'
सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। जिसमें एक लगभग बूढ़ा हो चूका व्यक्ति एक महिला को साइकिल…
पाकिस्तानी राजनीति का इतिहास उठा कर देखें तो सिर्फ गिने चुने नाम आएंगे जो जननेता के रूप में उठकर पाकिस्तान…
धोनी से पहले विश्व क्रिकेट के बहुत बड़े बड़े फिनिशर भी हुए, जिनमें लांस क्लूजनर, माइकल बेवन जैसे दिग्गज नाम…
विभाजन और विभाजन से होने वाले दंगे का मंटो पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा था. इस त्रासदी को मंटो के…
लोकतंत्र में विरोध होना जायज है। जब-तक जनता अपनी स्वस्थ मांगों को लेकर सरकार के सामने विरोध नहीं करेगी तब…