The Social Dilemma: समझिए कैसे ‘गुलाम’ बना रहा है सोशल मीडिया
एक लड़की है, जो फ़ेसबुक पर अपना फ़ोटो डालती है और फिर उस पर प्रतिक्रयाओं का इंतज़ार करती है. अब उसकी ख़ुशी-नाख़ुशी उस फ़ोटो पर...
जहां बातें होंगी हिंदी इस्टाइल में
एक लड़की है, जो फ़ेसबुक पर अपना फ़ोटो डालती है और फिर उस पर प्रतिक्रयाओं का इंतज़ार करती है. अब उसकी ख़ुशी-नाख़ुशी उस फ़ोटो पर...
शब्द और भाषा कितने आवश्यक हैं? आख़िर भाषा से ही तो समझे न जाने का भी दुःख पनपता है. यह दुःख किसी व्यक्ति तो इतना...
“बैरी बेईमान, बागी सावधान।” बहुत छोटी सी बात है मगर इसके मायने इतने गहरे हैं कि हम सब अपने अंदर सदियों तक झाँकते रह सकते...
रणबीर कपूर हू-ब-हू संजय दत्त लगे हैं। वाक़ई बहुत मेहनत कराई है हिरानी ने उनसे। कई बार संजू बाबा दिखने की मेहनत इतनी हुई है...
फ़िल्म समीक्षा- एक “शेफ” निर्माता- भूषण कुमार निर्देशक- राजा कृष्ण मेनन मुख्य कलाकार- सैफ अली खान, पद्मप्रिया, स्वर कांबले, मिलिंद सोमण। रेटिंग- 3.5/5 हर कोई...