कुलभूषण जाधव केस: इंटरनैशनल कोर्ट में भारत जीता या पाकिस्तान हारा?

कुलभूषण जाधव के मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने अपना फैसला सुना दिया है. ग्लोबल कोर्ट ने कहा है कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को सुनाए गए मौत के फैसले पर पुनर्विचार करे. इस फैसले के एक दिन बाद अब पाकिस्तान ने आधिकारिक तौर पर ऐलान कर दिया है कि कुलभूषण जाधव को उनके अधिकारों के बारे में सूचित कर दिया जाएगा, जो अधिकार उन्हें वियना कन्वेंशन के तहत मिले हैं.

जाधव को अब काउंसलर ऐक्सेस दे दिया गया है, जाधव को अब इस बात की जानकारी दे दी गई है. जिस जीत को भारत में ऐतिहासिक जीत के तौर देखा जा रहा है, उसी जीत को पाकिस्तान अपनी जीत बता रहा है. दोनों देशों के दावे गलत बिलकुल भी नहीं हैं. दोनों देशों के मीडिया संस्थान इसे बड़ी जीत बता रहे हैं. गलत इनमें से कोई भी नहीं है.

कुलभूषण को मिलेगा काउंसलर ऐक्सेस

बुधवार को दिए गए कोर्ट के निर्णय के मुताबिक, कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस दिया जाएगा, और उन्हें वकील दिया जाएगा, जो उनका पक्ष कोर्ट में सही ढंग से रख सके. हालांकि ग्लोबल कोर्ट ने भारत की ओर से मांगी गई राहत को भी देने से इनकार कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि कुलभूषण को मिलिट्री कोर्ट से सुनी गई फांसी की सजा को रद्द कर दिया जाए और कुलभूषण को उनके वतन वापस भेज दिया जाए.

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कोर्ट के फैसले के तत्काल बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया कि कुलभूषण जाधव पर कोर्ट ने न्याय किया है और उन्हें न्याय जरूर मिलेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया ‘‘हम आईसीजे के आज के फैसले का स्वागत करते हैं. सच्चाई और न्याय की जीत हुई है. आईसीजे को तथ्यों के गहन अध्ययन पर आधारित फैसले के लिए बधाई.” प्रधानमंत्री ने कहा कि वह आश्वस्त हैं कि जाधव को न्याय जरूर मिलेगा. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ‘‘प्रत्येक भारतीय की सुरक्षा और कल्याण के लिए हमेशा काम करेगी.”

कोर्ट ने पाकिस्तान को कहा- फेयर ट्रायल अपनाएं

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भारत के वकील हरीश साल्वे ने अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले की सराहना की और कुलभूषण जाधव को फांसी से बचाने के लिए आभार भी जताया. इस मामले में विदेश मंत्रालय ने हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायलय का स्वागत किया. विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया कि कोर्ट ने पाकिस्तान को कुलभूषण मामले में फेयर ट्रायल अपनाने को कहा है. वियना कन्वेंशन के तहत पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस दे. हम उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान अतिशीघ्र इन नियमों को अपनाएगा.

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पाकिस्तान का दावा है कि उसने कुलभूषण जाधव को अपनी सीमा के भीतर 3 मार्च, 2016 को गिरफ्तार किया था. कुलभूषण जाधव एक पूर्व नेवी अफसर हैं. 25 मार्च को भारत को इस बात की जानकारी दी गई कि कुलभूषण जाधव को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूसावास को जैसे ही इसकी जानकारी हुई, उसी दिन से भारत काउंसलर एक्सेस की बात कर रहा है.

पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को सुनाई थी मौत की सजा

अप्रैल 2017 को 48 वर्षीय कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुना दी गई. आरोप लगा कि कुलभूषण जाधव एक भारतीय जासूस हैं, और आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त हैं. इसी साल 8 मई को भारत सरकार ने कुलभूषण जाधव के मुद्दे को ग्लोबल कोर्ट में उठाया. पाकिस्तान के इस निर्णय पर भारत ने न केवल सवाल खड़े किए बल्कि भारत ने कहा कि वियना कन्वेंशन का उल्लंघन पाकिस्तान कर रहा है. वियना कन्वेंशन ऑन काउंसलर रिलेशन 1963 के उल्लंघन का आरोप है. भारत हर बार दावा करता है कि पाकिस्तान कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस दे. आईसीजे के निर्णय के बाद पाकिस्तान पर नैतिक दबाव बढ़ाव है कि कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस दिया जाए.

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ध्यान दें यह जीत जितनी भारत की है, उतनी ही पाकिस्तान की भी है. पाकिस्तान को कोर्ट ने कहा है कि मामले पर पुनर्विचार किया जाए. कहीं भी कोर्ट ने रिहाई की बात नहीं कही है. अब यह पाकिस्तान पर निर्भर है कि पुनर्विचार करके वह कुलभूषण को रिहा करता है, या अपनी जेल में रखता है या फांसी पर लटकाता है. अंतरराष्ट्रीय कानून को मानना या न मानना बाध्यता नहीं, व्यक्तिगत इच्छा है. देखते हैं, कुलभूषण जाधव पर अंतिम निर्णय क्या आता है.

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