आज कल न तुम बातों में बड़ी कांट-छांट करने लगे हो, मेरे महबूब हो या सेंसर बोर्ड?
अरे ऐसे न बोलो मैं तो हमारे प्यार में कोई पाबंदी नहीं लगाता
कभी लगाना भी मत, नहीं तो मैं असीम त्रिवेदी की तरह विरोध करुंगी तुम्हारे सेंसर का।
अच्छा चलो प्यार में कुछ बड़ा करते है, कुछ अलग-सा दुनिया से हट कर
क्यों प्यार में घर वालो का छापा पड़वाना है क्या,
हाहाहाहा
हमारे प्यार में न तो करप्शन है और न बदले की भावना, छापा नहीं पड़ेगा, डोन्ट वरी
अच्छा चलो कहीं घूम कर आते हैं
तुम तो रहने ही दो बस, एकदम मोदी हो गए हो अकले-अकले घूम आते हो और मुझे बस नाम की महबूबा बनाये हो जैसे वो नाम की विदेश मंत्री बनाए हैं सुषमा स्वराज को
तुम तो हरदम इल्ज़ाम लगाती रहती हो यार मैं कोई तुम्हारा विपक्षी दल थोड़ी न हूं, लव यू डार्लिंग
एक बात बोलूं आज कल तुम बड़ा विरोध करती हो, मैंने कौन सा जीएसटी पास कर दिया है प्यार में
अब मैं तुम्हारे पास करने का इंतज़ार थोड़ी न करूंगी, मैं प्यार हूं विपक्ष थोड़ी न
तुम प्यार में मुझे कब विकल्प दोगी? अब तो रेलवे भी सब्सिडी छोड़ने का विकल्प दे रही है।
अच्छा बच्चू तुम्हारी बातें समझ रही हूं मैं, कोई विकल्प नहीं मिलेगा, मैं महबूबा हूं कोई भारतीय रेलवे नहीं
प्यार में कुछ तेजी से बढ़ाओ न
अच्छा जैसे दिल्ली में मलेरिया बढ़ रहा कुछ ऐसा क्या?
तुम न पिट जाओगे, प्यार को बीमार करने का इरादा है क्या?
अरे बाबा मजाक कर रहा था, लव यू
तुम मुसीबत में मेरा साथ तो नहीं छोड़ दोगे जैसे नितीश लालू का छोड़ दिए
अरे मैं तो तुम्हारे साथ रहूंगा जैसे आज कल भक्त रहते हैं।
लव यू सो मच माय डार्लिंग
अच्छा आज गुरु की पूजा होती है न?
हां सही याद दिलाई, चलो हम अपने लव गुरु की पूजा करते हैं आखिर वो हमारे पॉलिटिकल लव के सूत्रधार जो हैं।
एक बात बोलू, तुम न कभी मुझसे हिंसा मत करना
अरे बाबा तुम कोई कश्मीर या दार्जलिंग थोड़ी न हो और न मैं सरकार जो हिंसा पर रोटी सेकूं
आई नो माई लवली बाबू।
अच्छा पता है जब तुम मेरे घर मुझे देखने आना तो एकदम जीएसटी जैसा इम्पैक्ट डालना मेरे घर वालों पर।
देख लो कहीं पता चले तुम्हारे घर वाले व्यापारियों की तरह मेरा विरोध न करने लगें,
हाहाहा।
आज घूमने का मन है, बताओ कहां मिलोगे आज शाम को?
वहीं अपने लोकल डिब्बा पर पॉलिटिकल लव करते हुए ।