चलो हम भी कुछ बदलते हैं
क्यों? तुम मुझसे खुश नहीं हो क्या?
ऐसी कोई बात नहीं है, बस कुछ बदलाव का मन कर रहा था।
बदलाव मन का है या नई कैबिनेट का?
अरे! चिंता मत करो तुम्हारा सिर्फ प्रमोशन ही होगा।
पता है, आज कल मुझे तुम्हारे अलावा कुछ नहीं दिखता।
बिलकुल वैसे ही न, जैसे मीडिया को बाबा के अलावा कुछ नहीं दिख रहा?
अरे! तुम भी न जाने कहां की बात कहां ले जाती हो?
अच्छा सुनो! हम न अपने प्यार को आगे ले चलते है।
हां! जैसे सरकारें करप्शन को आगे ले गई हैं वैसे ही न?
कुछ भी हो नंबर 1 तो है , हा हा हा।
तुम मुझसे प्यार वाली कोई ही बात नहीं करते।
कुछ समझा नहीं।
अरे! तुम कभी कुछ तोड़ कर नहीं लाए, जैसे सब लाते है चांद-सितारे।
कहो तो गाजीपुर का पहाड़ तोड़ लाऊं?
छी, बस यही करना तुम।
तुम हर बात का इल्जाम मुझ पर लगा देती हो।
अरे तो क्या हुआ?
तुम मुझे बिहार का चूहा समझती हो।
हा हा, सही पकड़े हो।
तुम्हें पता है हमारे प्यार के कितने फायदे हैं?
हां जितने नोटबंदी के हैं, हा हा हा हा हा
चलो मैं भी रवाना हो रहा हूं।
कहां ब्रिक्स जा रहे हो क्या?
अरे नहीं, मैं तो बस लोकल डिब्बा पकड़ने जा रहा हूं।
हां! याद आया तुम्हे पॉलिटिकल लव भी तो करना है।