वोट देने से कुछ होता तो 2 सीट वाली पार्टी सत्ता में न आती
वह लोकतंत्र कभी मज़बूत नहीं कहला सकता जिसमें विरोधी देशद्रोही तक गिने जाने लगें और बहुमत पक्ष जो मर्ज़ी कर…
जहां बातें होंगी हिंदी इस्टाइल में
वह लोकतंत्र कभी मज़बूत नहीं कहला सकता जिसमें विरोधी देशद्रोही तक गिने जाने लगें और बहुमत पक्ष जो मर्ज़ी कर…
एक गाना याद आ रहा है ‘भूल गया मैं सब कुछ, अब याद नहीं है अब कुछ’ यही हाल मीडिया…
तुम लव लेटर रोटोमैक से लिखते हो क्या क्यों क्या हो गया जी हुआ कुछ नहीं बस तुम्हारे लेटर में…
चलो न वेलेंटाइन डे आ रहा है कहीं घूमने चलें, हां, चलो वहाँ चलते हैं जहाँ नफरत हो, क्यों वहाँ…
इस बार कहाँ जा रहे हो कासगंज जाने की सोच रहा हूँ क्यों तुमको भी अपनी रोटियां सेंकनी है वहाँ…
प्यार के बजट का क्या सोचा तुमने, सोच लिया है बस प्यार का विकास ही विकास होगा
चलो इंदौर चलते हैं चलो लेकिन ध्यान देना कहीं नागपुर न पहुँच जाओ अरे, चिंता मत करो हम इंडिगो से…
आप बस अपनी प्राइवेसी की सोचते हो, क्या आपने मेरा कुछ सोचा कभी, मैं इतनी जगह लिंक होकर कैसा फील…
तुम बहुत चिलाती हो। तो क्या करू तुम्हारी हरकते ही ऐसी है। लगता है तुम्हारे स्पीकर पर भी बैन लगना…
तुम क्या करने वाली हो? मैं प्यार में कानून लाने वाली हूँ, देखो, कानून ऐसा लाना जो दोनों के लिए…