मिलती मुद्दत में है और पल में हँसी जाती है
आप की याद भी बस आप के ही जैसी है, आ गई यूँही अभी यूँही अभी जाती है।
जहां बातें होंगी हिंदी इस्टाइल में
आप की याद भी बस आप के ही जैसी है, आ गई यूँही अभी यूँही अभी जाती है।
किसी गांव में एक मुंशी रहता था, नाम था खटेसर लाल। बहुत धूर्त और काइंया किस्म का आदमी था। जितनी…
मेरे गांव में जुम्मन यादव होते हैं रघुवीर खान क्योंकि मेरा गांव हिन्दू मुसलमान नहीं जानता
मोहित,सोनू और इरफान की दोस्ती के चर्चे पूरे कस्बे में मशहूर थे। आखिर कौन भूल सकता था, जब कल्लू ने…
आज अगर रावण होता तो सबसे बड़ा टैक्स पेयर होता। भाई उसके पास सोने की लंका थी, वो सबकी लंका…
ज़ंजीर कोई भी हो, अगर टूटेगी तो आवाज़ होगी. साहित्य और अदब में भी जब कभी कोई ज़ंजीर टूटती है,…