मोदी

भक्तो! मजबूर तुम हो, बीजेपी और अमित शाह नहीं

विकल्पहीनता धीरे-धीरे निरंकुशता को जन्म देती है। भारतीय राजनीति में भी एक बार फिर से यह प्रासंगिक हो चला है। इंदिरा-संजय गांधी की जोड़ी के...

वे मुद्दे जिनपर सवाल पूछते ही आप ‘देशद्रोही’ हो सकते हैं

समस्त देशवासियों को मेरा नमस्कार, आज हमने गत वर्षो की भांति गणतंत्र दिवस मनाया। कोई बदलाव नहीं हुआ, कुछ नया नहीं हुआ, विगत वर्षों में...

6 दिसंबर 1992: उन्माद को नया रूप देने वाली एक तारीख

यहां मेरी बात पढ़कर अगर आप भी मुझे मुगल प्रेमी, हिंदू विरोधी, फर्जी सेकुलड़ या देशद्रोही जैसी उपाधियां देने दौड़े आते हैं तो सच कहता...